चूंडावतों के प्रसिद्ध ठिकाने व शाखाएँ
चूण्डावतोँ की शाखाएँ :-
चूण्डावतोँ की कुल 12 शाखाएँ है जिनमेँ से 6 शाखाएं रावत चूण्डा के मूल
पुत्रो से निकली तथा अन्य 6 शाखा उनके पाटवी पुत्र के वंशजो से निकली।
जिसका विवरण निम्न प्रकार से हैँ-
1] कुंतलोत - यह शाखा रावत चूण्डा के ज्येष्ठ पुत्र 'कुंतल' से निकली जो मंडोर मेँ वीरगति प्राप्त हुआ
2] कांधलोत - यह शाखा चूण्डा के दूसरे पुत्र 'कांधल' से निकली तथा कुंतल के मंडोर मे मारे जाने पर कांधल चूण्डा का उत्तराधिकारी हुआ
3] तेजसिँहोत(तेजावत) - यह चूण्डा के तीसरे पुत्र 'तेजसिंह' से निकली
4] मांजावत - यह शाखा चूण्डा के 5वेँ पुत्र 'मांजा' से निकली जो कपासन में काम आया तथा इनके वंशधर को महाराणा मोकल ने भैसरोडगढ जागीर दी
5] आसावत - यह चूण्डा के छठे पुत्र 'आसा' से निकली
6] रणधीरोत - यह शाखा चूण्डा के 7वेँ पुत्र 'रणधीर सिँह' से निकली
7] रतनसिँहोत(रत्नावत) - इस शाखा का प्रारंभ रावत कांधल के ज्येष्ठ पुत्र 'रतनसिँह' (प्रथम) से हुआ
8] जग्गावत - यह शाखा काधंल के पुत्र 'सिंध चूण्डावत' (रतनसिंह से छोटा) के पुत्र "जग्गा" से निकली
9] सांगावत - जग्गा के भाई 'सांगा' से निकली
10] खेँगारोत - छटे रावत 'खेँगार जी' से निकली
11] कृष्णावत - खेंगार जी के ज्येष्ठ पुत्र व 7वे पाटवी रावत 'कृष्णदास' से निकली
12] मेघावत - यह शाखा रावत कृष्णदासजी के छोटे भाई गोविन्ददास के पुत्र 'मेघसिँह' से निकली।
1] कुंतलोत - यह शाखा रावत चूण्डा के ज्येष्ठ पुत्र 'कुंतल' से निकली जो मंडोर मेँ वीरगति प्राप्त हुआ
2] कांधलोत - यह शाखा चूण्डा के दूसरे पुत्र 'कांधल' से निकली तथा कुंतल के मंडोर मे मारे जाने पर कांधल चूण्डा का उत्तराधिकारी हुआ
3] तेजसिँहोत(तेजावत) - यह चूण्डा के तीसरे पुत्र 'तेजसिंह' से निकली
4] मांजावत - यह शाखा चूण्डा के 5वेँ पुत्र 'मांजा' से निकली जो कपासन में काम आया तथा इनके वंशधर को महाराणा मोकल ने भैसरोडगढ जागीर दी
5] आसावत - यह चूण्डा के छठे पुत्र 'आसा' से निकली
6] रणधीरोत - यह शाखा चूण्डा के 7वेँ पुत्र 'रणधीर सिँह' से निकली
7] रतनसिँहोत(रत्नावत) - इस शाखा का प्रारंभ रावत कांधल के ज्येष्ठ पुत्र 'रतनसिँह' (प्रथम) से हुआ
8] जग्गावत - यह शाखा काधंल के पुत्र 'सिंध चूण्डावत' (रतनसिंह से छोटा) के पुत्र "जग्गा" से निकली
9] सांगावत - जग्गा के भाई 'सांगा' से निकली
10] खेँगारोत - छटे रावत 'खेँगार जी' से निकली
11] कृष्णावत - खेंगार जी के ज्येष्ठ पुत्र व 7वे पाटवी रावत 'कृष्णदास' से निकली
12] मेघावत - यह शाखा रावत कृष्णदासजी के छोटे भाई गोविन्ददास के पुत्र 'मेघसिँह' से निकली।
चूण्डावतोँ के ठिकानेँ शाखानुसार:-
1) कृष्णावत - ठि.सलूम्बर2) जग्गावत - ठि.आमेट
3) सांगावत - ठि.देवगड़
4) मेघावत - ठि.बेगूँ
5) रतनसिंहोत (रत्नावत) -
ठि.साकरिया खेडी,ठि.देवाली,
ठि.पिपलोदा, ठि.हरेर,
ठि.भोजपुर
6) कांधलोत - ठि.गोगाथल और
ठि.पाखंड
7) खेंगारोत - ठि.लाखराज,
ठि.पालनखेड़ी,
ठि. खेड़ा (सलूम्बर
के पास),
ठि. सियालकुंड
8]कुंतलोत - ठि.भरख, ठि.परावल
9) तेजसिंहोत (तेजावत) -
ठि.सूर्यगड़, ठि.लिम्बोद,
ठि.बेगूँ, ठि.कनेरा, ठि.बस्सी
10) मांजावत - भैसरोडगढ़ और सलूम्बर के
पास के कुछ ठिकाने
11) आसावत - ठि.भरचड़ी
12) रणधीरोत - ठि.काटून्द
Jai Rajputana
ReplyDeleteJai rajputana
ReplyDeleteGangawat chundawat kon si shakha se aate hai
ReplyDeleteManjawat ka thikana kathar h Jo ab Mojawat chundawat h
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